PinnedSuyash Upadhyayहमें, हमारे कुछ प्रश्न के उत्तर कभी नहीं मिलने चाहिए।हमें, हमारे कुछ प्रश्न के उत्तर कभी नहीं मिलने चाहिए।Oct 22, 2023Oct 22, 2023
Suyash Upadhyayमेरा प्रेम और मेरा कबीरपोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय । ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ।।Jul 4, 20231Jul 4, 20231
Suyash UpadhyayOverthinking is the biggest cause of unhappiness.Here are 8 ways to beat overthinking:May 13, 2023May 13, 2023
Suyash Upadhyayकुछ तो फालतू लिखना हैरात भर जागने, कुछ आँसू बहाने, और बहुत कुछ सोचने के बाद, भी यह समझ ना आना की जिंदगी का अहसास है कहाँ ।Dec 1, 20221Dec 1, 20221
Suyash UpadhyayinSrimad Bhagavad Gitaअध्याय २, श्लोक ३८सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ। ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि।।Feb 26, 2022Feb 26, 2022
Suyash UpadhyayinSrimad Bhagavad Gitaअध्याय २, श्लोक २३नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।Feb 26, 2022Feb 26, 2022
Suyash UpadhyayinSrimad Bhagavad Gitaअध्याय २, श्लोक २२वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि। तथा शरीराणि विहाय जीर्णा न्यन्यानि संयाति नवानि देही।।Feb 26, 20221Feb 26, 20221
Suyash UpadhyayinSrimad Bhagavad Gitaअध्याय २, श्लोक १५यं हि न व्यथयन्त्येते पुरुषं पुरुषर्षभ । समदुःखसुखं धीरं सोऽमृतत्वाय कल्पते ।।Feb 12, 2022Feb 12, 2022
Suyash UpadhyayinSrimad Bhagavad Gitaअध्याय २, श्लोक १४मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः । आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत ।।Feb 12, 2022Feb 12, 2022